क्रिकेट दर्शन शास्त्र

सर जड़ेजा की है अद्भुत कहानी,
ना कोई था दर्द है ना परेशानी.
मदमस्त प्रेमी की तरह था वो,
क्रिकेट प्रेमियों का चहेता था वो.
अब हालात कुछ इस क़दर हुए हैं,
गुमनामी के अंधेरे हासिल हुए हैं.
उन दिनों की याद में बेइख़्तियार है,
हँस तो लिया करता है पर ना क़रार है.
नए जमाने का आशिक़ है रोयेगा नहीं,
यादें भुलाकर हँसेगा चैन खोयेगा नहीं.
इशांत या अगरकर ना बन जाये बस डर है,
आशा है कि लड़के में लड़ने का जिगर है.
सर की बात एक उदाहरण है बस ज़रा,
इंसान मेरी जान चाहे हो जितना भी खरा.
वक़्त कभी ऐसा भी आता है समझ लीजै,
अच्छा करके भी बात ना बने क्या कीजै.
जहाँ मिले मौका अपनी ताक़त दिखा दे,
बेवज़ह रह खुश खुशियों को न्यौता दे.
समय वह भी नहीं रहा बदलेगा यह भी,
टेस्ट में अभी है आईपीएल भी है अभी.
मुक़ाबला ज़रा सख्त है स्थान का झगड़ा है,
चहल कुलदीप बहुत बढ़िया हैं ये लफड़ा है.
खतरा तो अश्विन जैसों को भी इधर हुआ है,
तुझे एक जगह चाहिए अपनों की दुआ है.
योगेंद्र खोखर