NCLT ने खारिज की टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री की याचिका, कहा- आप मेंबर्स का भरोसा खो चुके थे
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टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से बड़ा झटका लगा है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने टाटा संस के खिलाफ सायरस मिस्त्री की याचिका को खारिज कर दिया. सायरस मिस्त्री ने चेयरमैन पद से हटाए जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी. यह विवाद करीब 20 महीने से चल रहा था. सायरस मिस्त्री पर जानकारी लीक करने का आरोप था. ट्रिब्यूनल ने कहा कि टाटा संस के निदेशक मंडल और उसके सदस्यों को साइरस मिस्त्री पर भरोसा नहीं रह गया था.
आपको बता दें, सायरस मिस्त्री को 30 साल के लिए टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था, लेकिन उन्हें चार साल बाद ही पद से हटा दिया गया. सायरस मिस्त्री पर जानकारी लीक करने का आरोप था. साथ ही समूह का मुनाफा लगातार गिर रहा था. इसके लिए पहले भी कई बार सायरस मिस्त्री को बोर्ड की तरफ से तलब किया गया था. सायरस मिस्त्री के कार्यकाल में सिर्फ टीसीएस को छोड़कर सभी कंपनियां लगातार घाटे में थीं. टाटा मोटर्स और टाटा स्टील का मुनाफा लगातार तीन तिमाही में रिकॉर्ड गिरावट आई थी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, टाटा संस में 66 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले टाटा ट्रस्ट को समूह कंपनियों की ओर से मिलने वाले लाभांश में कमी आई थी, यही वजह थी कि मिस्त्री को अचानक बाहर कर दिया गया. मिस्त्री के बाद एक बार फिर रतन टाटा ने अंतरिम चेयरमैन के रूप में समूह की बागडोर संभाली. इसके बाद टीसीएस के प्रमुख रहे एन चंद्रशेखर को टाटा समूह की जिम्मेदारी सौंपी गई.
NCLT ने अपने आदेश में कहा कि बोर्ड के पास पद से हटाने का अधिकार है. NCLT ने रतन टाटा के खिलाफ लगाए गए आरोप को खारिज किया है. NCLT ने कहा कि टाटा ग्रुप मैनेजमेंट में कोई गड़बड़ी नहीं है.
National Company Law Tribunal rejects Cyrus Mistry's petition against Tata Sons. pic.twitter.com/DFwkpKaQft
— ANI (@ANI) July 9, 2018