मुजफ्फरनगर दंगा: कवाल कांड में दोषी ठहराए गए सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा, 65 से अधिक लोगों की गई थी जान
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अदालत ने कवाल कांड में सभी 7 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा सभी दोषियों पर दो- दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. बताया गया कि इसी धनराशि में से अस्सी प्रतिशत धनराशि पीड़ित परिवारों को दी जाएगी. 27 अगस्त, 2013 को जानसठ कोतवाली क्षेत्र के कवाल गांव में मलिकपुरा के गौरव और उसके ममेरे भाई सचिन की हत्या कर दी गई थी. इस घटना में कवाल के शाहनवाज की भी मौत हुई थी.
जिसके बाद महापंचायत के दौरान दंगा भड़क गया था. पांच साल की न्यायिक प्रक्रिया के बाद कोर्ट ने सात आरोपियों को इस मामले में दोषी करार दिया. पुलिस प्रशासन ने फैसले को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए थे.
कवाल की बहुचर्चित घटना के बाद मुजफ्फरनगर और शामली में दंगा भड़क गया था. पांच साल चली केस की सुनवाई के बाद एडीजे कोर्ट संख्या-7 के न्यायाधीश हिमांशु भटनागर ने बुधवार को सभी सात आरोपियों को दोहरे हत्याकांड में दोषी करार दिया था. गौरव के पिता रविंद्र सिंह ने जानसठ कोतवाली में घटना के दिन मुकदमा दर्ज कराया था.
केस के मुल्जिमों मुजस्सिम और उसके भाई मुजम्मिल, फुरकान, मृतक शाहनवाज के सगे भाई जहांगीर व नदीम, अफजाल और उसके भाई इकबाल को कोर्ट ने बलवे की धारा 147, 148, 149, हत्या की धारा 302, धमकी देने की धारा 506 में सजा का हकदार माना था.
आपको बता दें कि वादी पक्ष के अधिवक्ता अनिल जिंदल ने कहा कि कवाल कांड में सचिन और गौरव की क्रूरतम तरीके से हत्या की गई थी. यह घटना मुजफ्फरनगर दंगे का कारण बनी, जिसमें 65 से ज्यादा बेगुनाहों की मौत हो गई थी.
2013 Muzaffarnagar riots: The 7 convicts - Muzammil, Mujassim, Furkan, Nadeem, Jahangir, Afzal and Iqbal - are accused of killing 2 people - Gaurav and Sachin - and rioting in Kawal village. https://t.co/b9BXLTioAG
— ANI (@ANI) February 8, 2019