अयोध्या मामले में दिसंबर के पहले सप्ताह में पुनर्विचार याचिका दायर करेगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा है कि वह दिसंबर के पहले हफ्ते में अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुर्नविचार अर्जी दायर करेगा. AIMPLB ने कहा है कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड की ओर से पुनर्विचार अर्जी दायर न करने के फैसले का इस केस पर कोई असर नहीं होगा. क़ानून के लिहाज़ से सभी मुस्लिम पक्षकार बराबर हैं.
आपको बता दें कि 9 नवंबर को दिए ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जगह को रामलला विराजमान को देकर वहां राममंदिर निर्माण का रास्ता साफ़ कर दिया था. नियमों के मुताबिक फैसले के 30 दिन में पक्षकार पुनर्विचार याचिका दायर कर सकते हैं.
बोर्ड के सचिव और वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने कहा, 'सभी मुस्लिम संगठन पुनर्विचार याचिका दायर करने को लेकर एक राय रखते हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह पुनर्विचार याचिका नहीं दाखिल करेंगे. हर किसी के अपने विचार होते हैं. हम उनके फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.'
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मंगलवार को पुनर्विचार याचिका न डालने का फैसला किया था. बैठक में बोर्ड के सात में से छह सदस्यों ने याचिका न दाखिल करने पर सहमति जताई थी, बकि सिर्फ एक सदस्य अब्दुल रज्जाक खान चाहते थे कि पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए.
जिलानी ने कहा कि मुस्लिम समाज आज भी पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ है. जो भी पुनर्विचार याचिका का विरोध कर रहे हैं वह किसी एक शहर में जाकर मुसलमानों का जलसा बुलाएं और उनकी राय जानें. पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुसलमानों की राय को देखते हुए पुनर्विचार याचिका डालने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि पुनर्विचार याचिका का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है. सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. हम दिसंबर के पहले सप्ताह में याचिका दाखिल करेंगे.
All India Muslim Personal Law Board: Exercising our constitutional right, we're going to file a review petition in the Ayodhya case during the 1st week of Dec. Sunni Waqf Board's decision not to pursue the case won't legally affect us.All Muslim organizations are on the same page
— ANI (@ANI) November 27, 2019